Saturday, October 30, 2010

हर माह नया घोटाला कर

यूँ खुशफहमी न पाला कर
कोई सच नंगा न उछाला कर

ईमान न जीने देगा तुझे
दुनिया में गड़बड़ झाला कर

बस अपना धंधा चमका तू
जनहित के काम को टाला कर

तनख्वाह रखे भूखा सबको
हर माह नया घोटाला कर

हुई ख़त्म गुलामी गोरों की
जो भी धंधा कर काला कर

इक झूठा चेहरा गढ़ हर पल
सच के सांचे में ढाला कर

निज-स्वार्थायन नित बांचा कर
हाथन नोटों की माला कर

जयचंद पाल ले घर में और
हर भगत को देश निकाला कर

16 comments:

Anonymous said...

are netaon ka to kaam hi yahi hai...achha warnan hai unke krityon ka...
मेरे ब्लॉग पर इस बार चर्चा है जरूर आएँ...लानत है ऐसे लोगों पर

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

यही तो नेता कर रहे हैं...

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आम आदमी की तल्ख़ी साफ दिख रही है इस ग़ज़ल में!!

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (1/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जयचंद पाल ले घर में और
हर भगत को देश निकाला कर
..
नेताओं पर अच्छा कटाक्ष है

दीपक बाबा said...

सहमत हैं भाई..........

अच्छा व्यंग है.



“दीपक बाबा की बक बक”
क्रांति.......... हर क्षेत्र में......
.

आपका अख्तर खान अकेला said...

shi khaa jay chndon kaa hi zmaana he or o deshbkt hen voh szaa bhugt rhe hen. akhtar khan akela kota rajsthan

Udan Tashtari said...

तनख्वाह रखे भूखा सबको
हर माह नया घोटाला कर

-हर आमजन की व्यथा कहती रचना. बहुत बढ़िया.

Dr Xitija Singh said...

जयचंद पाल ले घर में और
हर भगत को देश निकाला कर


bahut khoob ravi ji...

दिपाली "आब" said...

o teri.. Baja di tabiyat se sabki band.. Yaara last sher mein aur ka 'r' gadbad kar rraha hai, sirf 'o' rehne de.. Hehehhe

too good mind blowing gazal

Asha Lata Saxena said...

अच्छी अभिव्यक्ति |बधाई
आशा

अनुपमा पाठक said...

vyang ke madhyam se sateek prahaar kiya hai!

Girish Kumar Billore said...

वाह
मैं महा मिलन के क़रीब हूं

संगीता पुरी said...

आपके ब्‍लॉग की चर्चा यहां भी है

स्वाति said...

अच्छा व्यंग

Ravi Shankar said...

आप सब सुधी पाठकों का हृदय के अन्तरतम से धन्यवाद ! आपका स्नेह मेरा संबल है…… इसे बनाये रखियेगा !

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