एक तेरी मोहब्बत ने बनाया हैं खुदा मुझको,मैं रोज खल्क करता हूँ नया संसार ग़ज़ल में..
Friday, October 8, 2010
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
जब उर -अंतर में पीड़ा हो
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
जाडों में फुटपाथों पर
जब रात सिसकती रहती हो
फटे चिथरों में लिपटी
जब भूख बिलखती रहती हो
जब तन में क्षुधा हो रोटी की
तब चाँद प्रिया दिखे कैसे
जब उर -अंतर में पीड़ा हो
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
जब चौराहों पर ये बचपन
भट्ठी -चूल्हे में सिंकता हो
जब अबलाओं का वस्त्र-वरण
रुपयों -पैसों में बिकता हो
तब अश्रु -बीज से उपजा जो
चुम्बन के मोल बिके कैसे
जब उर -अंतर में पीड़ा हो
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
घुटती मर्माहत चीखों से
जब राष्ट्र दग्ध हो जलता हो
जब लहू शिराओं में नख -शिख
हो कर उद्विग्न उबलता हो
तब जग -पीड़ा के सम्मुख फिर
भला निज की चाह टिके कैसे
जब उर -अंतर में पीड़ा हो
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
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12 comments:
बहुत संवेदनशील रचना ....
जब तन में क्षुधा हो रोटी की
तब चाँद प्रिया दिखे कैसे..
तब अश्रु -बीज से उपजा जो
चुम्बन के मोल बिके कैसे...
तब जग -पीड़ा के सम्मुख फिर
भला निज की चाह टिके कैसे
बहुत खूबसूरत , भावमयी रचना ....
जाडों में फुटपाथों पर
जब रात सिसकती रहती हो
फटे चिथरों में लिपटी
जब भूख बिलखती रहती हो
जब तन में क्षुधा हो रोटी की
तब चाँद प्रिया दिखे कैसे
जब उर -अंतर में पीड़ा हो
तब कलम प्रेम लिखे कैसे ....
शाश्वत सत्य है कि भूख के आगे कुछ नही सुहाता और पीडा मे प्रेम नही भाता………………एक बेहद संवेदनशील और सोचने को मजबूर करती रचना।
Very soulful poem... touched ma heart.. loved ur blog..pls keep writing...
जब तन में क्षुधा हो रोटी की
तब चाँद प्रिया दिखे कैसे..
rocking buds.....
:)
vaise hindi mein kaafi ghus jaate ho na tum. class ke topper rahe hoge...right ;)
this is one of ur best.
fir se padha....too good sir ji
@ Sangeeta di...
Naman !
@ Kshitija ji..
BAhut shukriya aapka ! Hausal dete rakhieyga kalam ko !
@ Vandana ji...
Aapne rachna ke mool ki vyatha ko pahchana..kalam dhanyvaad karti hai !
@ Monali ji....
Shukriya, kalam ko saraahne ke liye !
@ Buddy...
Very right ma'm ! par kin kin cheezon mein topper tha ye na poochhna.. :P
@ Deep....
Shukriya yaara !
@ Dev..
Pranaam sweekar ho... :)
बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,
Mera naam nahi hai???
Dev kaun hai??
:(
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