ये जालिम ज़माना मुझ प्रेमी-मन को जबरन वित्तीय गणित सिखाने की कोशिश में है कि हम कुछ इन्सान हो जायें ! और हम ठहरे देसी कुत्ते की खालिस दुम …… "इको-नामिक्स" में भी "प्रेमो-नामिक्स" पढ़ने लगे और जो कुछ पढ़े वो आप सब के सामने रख रहे हैं ………… झेलिये ... :P
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इन्फ्लेशन
मैं ढेरों खर्चता हूँ
अपने ख्वाब के सिक्के
तब कहीं जा कर थोड़ा सा
"तुम" खरीद पाता हूँ
इन्फ्लेशन* बहुत बढ़ गयी है
तुम्हारे तसव्वुर के देश में.
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घाटा
मैने तो खर्च डाली है
सारी मुहब्बत तुम्हारे कोटे की
तुमने ही जाने क्यों भरा नही
अपने हिस्से का उलफती-राजस्व
कहो तो कैसे कम होगा भला
इस बरस का ये मोहब्बतीय घाटा.
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कमीशन
मैं हर रोज
चाँद से खरीदता हूँ
तुम्हारे ख्वाब के शेयर...
बेईमान रात
हर रोज काट लेती है
कमीशन उस से...
"सेबी"* सूरज से
ज़रा कर दो ना शिकायत उसकी !
इन्फ्लेशन* --inflation -- मुद्रास्फीति
सेबी -- SEBI -- Securities & Exchange Board of India.
13 comments:
वाह जी वाह्…………क्या खूब अन्दाज़-ए-बयाँ है। बहुत पसन्द आया।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
वित्त सरीखे नीरस विषय से ये सब खींच लाये हो, बड़े विकट खिंचैया हो अनुज:)
ये घाटा कोई इसी बरस का है, चिर सनातन है, इसकी तो आदत ही डल जाये तो बेहतर, हा हा हा।
आज हमारा नमन स्वीकार करो।
waah ravi ji ... aapki har rachna kamaal ki hai ... bahut khoob:)
अगर सिर्फ वित्तीय कविताएँ होतीं तो कहता कि "मनमोहनी" कविता है!!लेकिन अंतिम नज़्म ओ मेरे डिपार्टमेण्ट की बात कह गई!! छा गये रवि शंकर! सुबह मेरे वकील बनकर और अभी अपना मुरीद बनाकर!!
अच्छा अंदाज है
वाह..क्या खूब ...
mast hai
wah beta.....zehen ke parliament mein budget pesh ho raha hai.....badhiya hai :)
take care buddy
सलिल जी के लिए - ये कविताएं ‘मन मोहिनी’ ही हैं!
रवि जी,
बहुत ही प्रभावी कविताएं।
pata hai Economist and Accounts professionals ko dekh kar hairat hogi..ki kya terms aise bhi istemaal kiya jaa sakte hain...Fantastic :-)
Ravi jee , achchhi lekhani hi vishyon ke athah samandar se rachana rupi moti nikal lati hai anytha one typed kekhan padhana shuru kare to lagega ki padha hua hai..bahut achchhi lagi ...sach...ab kis subject ka number hai ? physics bhi achchhi lagi....
बहुत अलग ....सुन्दर. बधाई
डॉ कुमार विश्वास
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