ऊपर रखना
गुलाब सी रंगत
गहरी परतों में
अश्क़ की तासीर
ये रिश्ते अब
प्याज़ की मानिंद हुए जाते हैं.
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मेरी दौलत
मेरा असबाब था तेरा रिश्ता
आड़े वक़्त के लिए
मुट्ठी में दबा रखा था
खोटे सिक्के सा
हथेली पे निशाँ छोड़ गया.
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मेरे गम पर
उठा लेता है आस्माँ सर पे..
मेरी खुशियों में फलक
नूर से भर देता है
बड़ा बेअदब
वो बेजुबान रिश्ता है...
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जाने कितना
चुका चुका हूँ मैं
कितनी किश्तें
चुकाना बाकी है
वो एक रिश्ता
साहूकार के खाते सा है.
15 comments:
रवि शंकर जीः
सोंधीसोंधी कविताएँ... मनमोहक ख़ुशबू लिए...
1. रिश्ते हों प्याज़ की मानिंद नहीं ग़म कोई
ध्यान रखना सड़ाँध इनमें आने पाए नहीं!
2. किशन चंदर की कहानी, हाथ का मैल याद करा गई!!
3. इसने तो रिश्तों का विस्तार समझा दिया.
4. कुछ किश्तें तो आने वाली पुश्तें चुकाती हैं!! और ऐसे रिश्तों पे फ़ख्र होता है!!
@ सलिल सर…
अहा…… पोस्ट पर पहला दस्तखत आपका पा कर कलम खिल उठी,सर जी। आपको पसंद आयीं क्षणिकायें इनकी खुशकिस्मती है। स्नेह बनाये रखियेगा।
नमन।
रवि,
मैंने भी प्यार और प्याज़ की समानता की बात की थी, लेकिन आपने ये जो साम्यता ढूंढी है - ऊपर गुलाबी रंगत और अंदर अश्क की तासीर - बहुत खूब।
over all में अजब रिश्ता गज़ब रिश्ता।
जाने कितना
चुका चुका हूँ मैं
कितनी किश्तें
चुकाना बाकी है
वो एक रिश्ता
साहूकार के खाते सा है
सारी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक हैं.
बहुत खूब........एक से बढ़कर एक हैं.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
o teri.. Kya baat hai yaar, saari nazmein bahut bahut shaandaar kahi hain yaara.. Keep it up buddy
ऊपर रखना
गुलाब सी रंगत
गहरी परतों में
अश्क़ की तासीर
ये रिश्ते अब
प्याज़ की मानिंद हुए जाते हैं.
अब कहने को क्या बचा?
जाने कितना
चुका चुका हूँ मैं
कितनी किश्तें
चुकाना बाकी है
वो एक रिश्ता
साहूकार के खाते सा है.
सच कहा।
बेहतरीन ।
अब तो सब कुछ ही प्याज की मानिंद हो गया है :)
एक से बढ़कर एक हैं सब क्षणिकाएं.
आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं
Rishto k dard, ehsaan aur pyar ko samete sabhi lines behad khubsoorat hain :)
behtreen kavita.
Please Visit My Blog..
Lyrics Mantra
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
आप सबों कि शुभकामनाओं से ये नया साल कुछ अच्छी खबरें ले कर आ रहा है……पर इन फ़लित कामनाओं ने व्यस्तता कुछ बढा दी है इस कारण से आप सबों से देर से मुखातिब होता हूँ। बहुत स्नेह व धन्यवाद सबको मुझे झेलने के लिये :)
सादर।
ये रिश्ते अब
प्याज़ की मानिंद हुए जाते हैं
uffffffffffff.....kamaal kitta yaara...too good
:) :)....
stay blessed !
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