बस चेहरों की अय्यारी है
हर रिश्ते में फनकारी है
बाज़ार सजा है निस्बत का
और बिकने की तैयारी है
सूरज का भरोसा देता है
सब जुगनू की मक्कारी है
है फूट के रोया सारी शब
जी चाँद का अब तक भारी है
मेरे दिल की चुगली करते हैं
इन लफ्जों में गद्दारी है
एक मुद्दत बाद चखा उनको
मेरी ग़ज़लों की इफ्तारी है .
15 comments:
bhtrin gzl mubark ho . akhtar khan akela kota rajsthan
बहुत सुन्दर गज़ल्।
रवि शंकर... आज तुमने दाऊ को मोह लिया!!
इस दौर की अच्छी गज़लों पर
बस एक गज़ल ये भारी है.
अशआर तुम्हारे हाला से
महफ़िल पे नशा सा तारी है.
सूरज का भरोसा देता है
सब जुगनू की मक्कारी है
..
बहुत सुन्दर..हरेक शेर लाज़वाब..
मेरे दिल की चुगली करते हैं
इन लफ्जों में गद्दारी है
क्या बात है ..बहुत खूब.
वाह उस्ताद वाह!!!
छा गए :)
"एक मुद्दत बाद चखा उनको
मेरी ग़ज़लों की इफ्तारी है . "
itani lazeez aur behtreen iftaari ke liye shukriyaa !!
बस चेहरों की अय्यारी है
हर रिश्ते में फनकारी है
बाज़ार सजा है निस्बत का
और बिकने की तैयारी है
बहुत बढ़िया ...बेहतरीन ग़ज़ल....
awwwww........so totally u buddy !!! amazing!
है फूट के रोया सारी शब
जी चाँद का अब तक भारी है
मेरे दिल की चुगली करते हैं
इन लफ्जों में गद्दारी है
bahut khoob! umda ghazal!
so ur a morning blogbird too...???
मेरे दिल की चुगली करते हैं
इन लफ्जों में गद्दारी है
या फ़िर,
मेरे दिल की चुगली करते हैं,
इन लफ़्ज़ों की सच से यारी है।
ये मोहब्बतों का सुरूर है,
जो हर मौसम पर तारी है
मेरे दिल की चुगली करते हैं
इन लफ्जों में गद्दारी है
वाह भाई क्या बात है ..लफ्जों की गद्दारी से बचना मुश्किल है
inka to hai swad ajab
bhookh abhi tak jaari hai :-)
Naguftagi ko kaise dad dun? naaz ho raha hai aapki kalam par...aage bhi lafjon ki gaddari aur chugli padhane ko milengi...
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