Latitudes
स्कूल में टंगे
दुनिया के नक्शे पर
कितनी ही आड़ी -टेढी
लकीरें हुआ करती थीं .....
क्लास में
जिन का पढ़ कर हम
दुनिया की मनचाही जगहें
ढूंढ लिया करते थे ...
मैं फिर
माज़ी की क्लास में बैठा ...
उम्र के
latitudes को पढना
सीख रहा हूँ ..
कि जिंदगी के नक्शे पर
लम्हों की उस बस्ती को
फिर से दूंढ़ सकूं ..
जहाँ मैं और तुम
अब भी साथ रहा करते हैं ... !
3 comments:
simply awesome....fabulous. is se zyada khkar faayda bhi kya. baat to wahi rahegi..amazing.
:)
बहुत सुन्दर ...
मैं फिर
माज़ी की क्लास में बैठा ...
उम्र के
latitudes को पढना
सीख रहा हूँ ..
इन रेखाओं को पढ़ना सरल नहीं है ...
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
kya socha?
word verification nahi hatane se main comment nahi dunga?
galat socha :P
superb
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